Introduction
stock market kya hai in hindi पूरी जानकारी एक दम शुरू से इस blog में समझे और इससे बस ये सीखे की स्टॉक मार्केट में क्या करना है , स्टॉक मार्किट कैसे शुरू करे , स्टॉक मार्केट कितने पैसे से शुरू करे , स्टॉक मार्किट होता क्या है और कैसे काम करता है |
Stock market के बारे में तो हम सबने सुना है, पर ये होता क्या है? सिंपल शब्दों में, Stock market एक ऐसी जगह है जहाँ पर लोग और कंपनियाँ शेयर (यानी ownership का एक छोटा हिस्सा) buy और sell करते हैं। ये मार्केट हमारे इकोनॉमी के लिए बहुत इंपोर्टेंट है क्योंकि इससे नए बिज़नेस को ग्रो करने में मदद मिलती है और नए जॉब्स क्रिएट होते हैं। जब किसी कंपनी को पैसों की ज़रूरत होती है, तो वो अपने शेयर स्टॉक मार्केट में बेचती है। इन्वेस्टर्स, यानी हम जैसे लोग, उन शेयर को बाय करके कंपनी के थोड़े से मालिक बन जाते हैं, और जब कंपनी ग्रो करती है, तो हमारा पैसा भी बढ़ता है।
आज के टाइम में स्टॉक मार्केट को समझना हर किसी के लिए ज़रूरी हो गया है। पहले के ज़माने में सिर्फ बड़े बिज़नेस और रिच लोग ही यहाँ इन्वेस्ट करते थे, पर अब ये सबके लिए एक्सेसिबल है। स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करके हम अपने फ्यूचर के लिए वेल्थ क्रिएट कर सकते हैं और इंफ्लेशन (महंगाई) के इम्पैक्ट को बीट कर सकते हैं। अगर हमें स्टॉक मार्केट के बेसिक्स अच्छे से समझ आ जाएँ, तो हम अपने फाइनेंशियल गोल्स अचीव कर सकते हैं और अपनी लाइफ में फाइनेंशियल सिक्योरिटी ला सकते हैं।
इसलिए, स्टॉक मार्केट सिर्फ पैसे कमाने का एक तरीका नहीं है, बल्कि अपने फाइनेंशियल फ्यूचर को सिक्योर करने का एक ज़रूरी पार्ट है। समझदारी से और नॉलेज के साथ इन्वेस्ट करने से हम अपने पैसे को ग्रो कर सकते हैं और अपने बड़े सपने पूरे कर सकते हैं।
भारतीय स्टॉक मार्केट का इतिहास (Indian market History)
भारतीय स्टॉक मार्केट की शुरुआत करीब 200 साल पहले हुई थी। उस समय कुछ लोग मुंबई में एक बड़े पेड़ के नीचे बैठकर कंपनी के शेयर खरीदने और बेचने का काम करते थे। धीरे-धीरे ये एक संगठित बाजार बन गया और 1875 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) की शुरुआत हुई। ये एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज माना जाता है।
फिर 1991 में, भारत में आर्थिक सुधार हुए और विदेशी कंपनियों ने भी यहाँ निवेश करना शुरू किया। इसके बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की शुरुआत हुई, जिसने कम्प्यूटर के ज़रिये ट्रेडिंग शुरू करवाई। अब लोगों को कहीं जाने की जरूरत नहीं थी; वे घर बैठे ही शेयर खरीद-बेच सकते थे।
आज BSE और NSE भारत के दो मुख्य स्टॉक एक्सचेंज हैं, जहाँ लाखों लोग अपने पैसे इन्वेस्ट करते हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियाँ जैसे रिलायंस, TCS और इंफोसिस यहीं पर अपने शेयर लिस्ट करवाती हैं ताकि लोग उन पर निवेश कर सकें।
इस तरह भारतीय स्टॉक मार्केट ने एक लंबा सफर तय किया है और आज ये हमारी अर्थव्यवस्था का एक जरूरी हिस्सा बन चुका है।
Market Particiepant
स्टॉक मार्केट में कई तरह के लोग और संस्थाएं हिस्सा लेते हैं। ये सभी मिलकर मार्केट को चलाते हैं। आइए जानते हैं इनमें से main particiepant के बारे में:
- इन्वेस्टर्स (Investors):
इन्वेस्टर्स वो लोग होते हैं जो अपने पैसे को बढ़ाने के लिए शेयर खरीदते हैं। ये दो तरह के हो सकते हैं –
- रिटेल इन्वेस्टर्स (Retail Investors): आम लोग, जैसे आप और मैं, जो छोटे पैमाने पर इन्वेस्ट करते हैं।
- इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स (Institutional Investors): ये बड़ी संस्थाएं होती हैं जैसे म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियाँ, और बैंक्स, जो भारी मात्रा में इन्वेस्टमेंट करती हैं।
- ब्रोकर (Brokers):
ब्रोकर वो लोग या कंपनियाँ होती हैं जो इन्वेस्टर्स को शेयर खरीदने और बेचने में मदद करते हैं। इनका काम होता है इन्वेस्टर्स और स्टॉक एक्सचेंज के बीच का संपर्क बनाना। बिना ब्रोकर के हम सीधा शेयर नहीं खरीद सकते। ये अपनी सर्विस के लिए कुछ कमीशन या फीस लेते हैं। - स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange):
स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसी जगह होती है जहाँ सारे शेयर लिस्टेड होते हैं और इनकी खरीद-फरोख्त होती है। भारत में दो मुख्य स्टॉक एक्सचेंज हैं – बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)। एक्सचेंज ये सुनिश्चित करते हैं कि ट्रेडिंग का पूरा प्रोसेस सुरक्षित और पारदर्शी हो। - रेगुलेटर (Regulator):
भारत में स्टॉक मार्केट को रेगुलेट करने का काम सेबी (SEBI – Securities and Exchange Board of India) करता है। SEBI यह देखता है कि सारे नियम-कानून ठीक से फॉलो हो रहे हैं ताकि इन्वेस्टर्स के साथ कोई धोखाधड़ी न हो। सेबी मार्केट में पारदर्शिता बनाए रखता है और नियमों का पालन करवाता है। - मार्केट मेकर्स (Market Makers):
मार्केट मेकर्स वो लोग या संस्थाएं होती हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि मार्केट में शेयर हमेशा उपलब्ध रहें। ये लोग लगातार शेयर खरीदते और बेचते रहते हैं ताकि मार्केट में लिक्विडिटी बनी रहे और इन्वेस्टर्स को आसानी से खरीदने-बेचने का मौका मिले। - कंपनियाँ (Companies):
कंपनियाँ खुद स्टॉक मार्केट में अपने शेयर लिस्ट करवाती हैं ताकि लोग उनके शेयर खरीद सकें और उन्हें फंडिंग मिल सके। इस तरह कंपनियाँ अपनी ग्रोथ के लिए पैसे जुटा पाती हैं।
ये सभी प्रतिभागी मिलकर स्टॉक मार्केट को चलाते हैं। इन सबका अपना-अपना रोल होता है और ये सभी मिलकर मार्केट में संतुलन बनाए रखते हैं, जिससे हर इन्वेस्टर को सही मौका मिल सके।
DII और FII क्या होते हैं?
स्टॉक मार्केट में DII (Domestic Institutional Investors) और FII (Foreign Institutional Investors) दो बड़े इन्वेस्टर्स ग्रुप होते हैं। ये दोनों ही मार्केट में बड़ी मात्रा में पैसे का निवेश करते हैं और इनके ट्रेडिंग से मार्केट में बड़ी हलचल हो सकती है। आइए जानते हैं इनके बारे में:
1. DII (Domestic Institutional Investors) – घरेलू संस्थागत निवेशक
DII वो इन्वेस्टर्स होते हैं जो भारत के अंदर की बड़ी संस्थाएं होती हैं, जैसे:
- म्यूचुअल फंड्स
- बीमा कंपनियाँ (Insurance Companies)
- बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस
ये संस्थाएँ भारत में ही बनी होती हैं और देश के अंदर से ही पैसा इकठ्ठा करके मार्केट में इन्वेस्ट करती हैं। इनका उद्देश्य होता है कि लोगों का पैसा स्टॉक मार्केट में निवेश करके उन्हें अच्छा रिटर्न दिलाया जाए। DII, भारतीय मार्केट को स्थिरता देने में मदद करते हैं क्योंकि ये देश की अर्थव्यवस्था और कंपनियों की अच्छी समझ रखते हैं। जब मार्केट में विदेशी इन्वेस्टर्स ज्यादा खरीदारी या बिकवाली करते हैं, तो DII मार्केट को स्थिर रखने के लिए संतुलित निवेश करते हैं।
2. FII (Foreign Institutional Investors) – विदेशी संस्थागत निवेशक
FII वो इन्वेस्टर्स होते हैं जो विदेशों से आते हैं और भारत के स्टॉक मार्केट में पैसा लगाते हैं। इनका उद्देश्य होता है कि वे भारतीय मार्केट में निवेश करके अच्छा रिटर्न कमा सकें। FII में निम्न संस्थाएं शामिल होती हैं:
- विदेशी म्यूचुअल फंड्स
- पेंशन फंड्स
- हेज फंड्स और अन्य बड़े वित्तीय संस्थान
FII का भारतीय मार्केट पर बड़ा प्रभाव होता है क्योंकि ये बड़ी मात्रा में इन्वेस्ट करते हैं। इनके निवेश से मार्केट में तेजी (Bullish) आ सकती है, और जब ये अपना पैसा निकालते हैं, तो मार्केट में गिरावट (Bearish) भी आ सकती है। चूंकि ये विदेशी होते हैं, इसलिए इनके निवेश पर भारत के साथ-साथ ग्लोबल इकोनॉमी का भी असर पड़ता है।
DII और FII का स्टॉक मार्केट पर प्रभाव:
- मार्केट की स्थिरता: DII मार्केट को स्थिर रखने में मदद करते हैं क्योंकि ये लंबे समय के लिए निवेश करते हैं। वहीं, FII अपने मुनाफे के अनुसार जल्दी-जल्दी पैसा निकालते हैं, जिससे मार्केट में उतार-चढ़ाव आ सकता है।
- मार्केट सेंटिमेंट: अगर FII भारत में निवेश बढ़ाते हैं, तो इससे मार्केट में पॉजिटिव सेंटिमेंट आता है क्योंकि विदेशी निवेश से लोगों का भरोसा बढ़ता है। वहीं DII का निवेश भी मार्केट की स्थिति को स्थिर रखता है।
- रुपया (INR) पर असर: FII का पैसा जब भारत में आता है तो रुपये की मांग बढ़ती है, जिससे इसकी कीमत मजबूत होती है। वहीं जब FII अपना पैसा वापस ले जाते हैं, तो रुपये पर दबाव बढ़ता है और उसकी वैल्यू घट सकती है।
इस तरह DII और FII दोनों ही भारतीय स्टॉक मार्केट में अहम भूमिका निभाते हैं। इनके निवेश और निकासी का असर मार्केट पर साफ देखा जा सकता है, और इसलिए इनका व्यवहार इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है।
स्टॉक मार्केट से स्टॉक कैसे खरीदें?(How to buy stock from stock market)
स्टॉक खरीदने का प्रोसेस अब पहले से आसान हो गया है, खासकर ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की वजह से। अगर आप पहली बार स्टॉक खरीदने की सोच रहे हैं, तो यहाँ एक सिंपल स्टेप-बाय-स्टेप गाइड है:
1. Demat और Trading Account खोलें
- Demat Account: ये एक ऐसा अकाउंट होता है जहाँ आपके खरीदे हुए शेयर इलेक्ट्रॉनिक रूप में सुरक्षित रहते हैं।
- Trading Account: इस अकाउंट के जरिए आप शेयर खरीद और बेच सकते हैं।
- आप Demat और Trading अकाउंट किसी भी ब्रोकर जैसे Zerodha, Upstox, Angel One, या बैंक जैसे HDFC, ICICI, SBI से खोल सकते हैं।
2. PAN Card और बैंक अकाउंट की जरूरत
- Demat और Trading अकाउंट खोलने के लिए आपके पास PAN कार्ड होना जरूरी है।
- बैंक अकाउंट भी होना चाहिए जिससे आपके ट्रेडिंग अकाउंट को लिंक किया जा सके ताकि आप आसानी से पैसे ट्रांसफर कर सकें।
3. ब्रोकर चुनें
- आपको एक अच्छे ब्रोकर की जरूरत होती है जो आपके लिए शेयर खरीद और बेच सके।
- आप फुल-सर्विस ब्रोकर (जैसे ICICI Direct, HDFC Securities) या डिस्काउंट ब्रोकर (जैसे Zerodha, Upstox) चुन सकते हैं। डिस्काउंट ब्रोकर आमतौर पर कम फीस लेते हैं।
4. KYC पूरी करें
- अकाउंट खोलते समय आपको KYC (Know Your Customer) प्रोसेस पूरी करनी होगी। इसके लिए PAN कार्ड, आधार कार्ड, और फोटो जैसी जानकारी देनी होती है।
- कुछ ब्रोकर ऑनलाइन KYC प्रक्रिया की सुविधा भी देते हैं, जो कि बहुत ही आसान और तेज है।
5. शेयर रिसर्च करें
- स्टॉक खरीदने से पहले रिसर्च करना जरूरी है। जिस कंपनी के शेयर आप खरीदना चाहते हैं, उसके बारे में जानकारी लें जैसे – उसकी परफॉर्मेंस, फाइनेंशियल्स, इंडस्ट्री में उसकी पोजीशन।
- आप कंपनी के पिछले परफॉर्मेंस और उसके ग्रोथ के चांस का भी विश्लेषण कर सकते हैं।
6. ऑर्डर प्लेस करें
- अपने Trading अकाउंट में लॉगिन करें और जिस कंपनी का शेयर खरीदना है, उसका नाम या स्टॉक कोड (टिकर) सर्च करें।
- जब आपको सही शेयर मिल जाए, तो उसे खरीदने के लिए Buy का ऑप्शन सेलेक्ट करें।
- आपको शेयर की Quantity और Price एंटर करनी होगी।
- Market Order: इसमें शेयर आपको उस समय के मौजूदा प्राइस पर मिल जाता है।
- Limit Order: इसमें आप अपने प्राइस सेट कर सकते हैं, और शेयर उस प्राइस पर ही खरीदा जाएगा जब वह उस प्राइस तक आए।
7. पैसे ट्रांसफर करें
- ब्रोकर अकाउंट में पैसे ऐड करें, जिसे आप अपने लिंक्ड बैंक अकाउंट से ट्रांसफर कर सकते हैं।
- ट्रेडिंग के दौरान ये पैसे शेयर खरीदने में इस्तेमाल होंगे।
8. शेयर की पुष्टि करें
- जैसे ही आपका ऑर्डर पूरा हो जाता है, आपको शेयर आपके Demat अकाउंट में दिखाई देने लगेंगे। यह प्रोसेस कुछ मिनट से लेकर एक दिन तक का समय ले सकता है।
- अब आप कंपनी के छोटे से मालिक बन गए हैं!
9. मार्केट की अपडेट्स चेक करते रहें
- अब जब आपने शेयर खरीद लिए हैं, तो समय-समय पर मार्केट की अपडेट्स और अपने इन्वेस्टमेंट की वैल्यू चेक करते रहें।
- इससे आपको पता रहेगा कि आपके इन्वेस्टमेंट कैसे परफॉर्म कर रहे हैं और कब बेचना सही रहेगा।
महत्वपूर्ण बातें
- लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट: अगर आप नए हैं, तो लॉन्ग-टर्म निवेश पर ध्यान दें क्योंकि इसमें रिस्क कम होता है और ग्रोथ के चांस ज्यादा होते हैं।
- रिसर्च: किसी के कहने पर या बिना रिसर्च के शेयर न खरीदें। खुद से कंपनी की जानकारी लें।
- स्मार्ट इन्वेस्टिंग: अपने बजट और फाइनेंशियल गोल्स को ध्यान में रखते हुए निवेश करें।
इस तरह आप स्टॉक मार्केट से आसानी से शेयर खरीद सकते हैं।
स्टॉक मार्केट कैसे सीखें?(How to learn stock market)
स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करना जितना फायदेमंद है, उतना ही इसे समझना जरूरी है। अगर आप स्टॉक मार्केट सीखना चाहते हैं, तो धीरे-धीरे और सही तरीके से इसकी शुरुआत कर सकते हैं। यहाँ कुछ आसान स्टेप्स दिए गए हैं जो आपको स्टॉक मार्केट सीखने में मदद करेंगे:
1. बेसिक्स से शुरुआत करें
- स्टॉक मार्केट क्या है?: सबसे पहले यह समझें कि स्टॉक मार्केट कैसे काम करता है। यह समझें कि शेयर क्या होते हैं और इन पर किस तरह से मुनाफा और नुकसान होता है।
- ट्रेडिंग के प्रकार: स्टॉक मार्केट में दो तरह के ट्रेड होते हैं – Intraday Trading (जिसमें एक ही दिन में शेयर खरीद और बेच दिए जाते हैं) और Delivery Trading (जिसमें लंबे समय के लिए शेयर होल्ड किए जाते हैं)।
- महत्वपूर्ण टर्म्स: स्टॉक मार्केट में इस्तेमाल होने वाले मुख्य शब्दों को जानें जैसे कि बुल मार्केट, बियर मार्केट, मार्केट कैप, इत्यादि।
2. ऑनलाइन कोर्सेस और ट्यूटोरियल्स देखें
- YouTube और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बहुत से फ्री कोर्स उपलब्ध हैं जो स्टॉक मार्केट का बेसिक नॉलेज देते हैं।
- आप Coursera, Udemy, और Zerodha Varsity जैसे प्लेटफॉर्म से भी कोर्स कर सकते हैं, जहाँ बेसिक से एडवांस लेवल तक का नॉलेज मिलता है।
3. स्टॉक मार्केट बुक्स पढ़ें
- “The Intelligent Investor” by Benjamin Graham: यह बुक लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टिंग के लिए बहुत फायदेमंद है।
- “One Up on Wall Street” by Peter Lynch: इसमें यह सिखाया गया है कि किस तरह से स्टॉक्स को चुना जाए।
- हिंदी में भी कई अच्छी किताबें उपलब्ध हैं जो आपको स्टॉक मार्केट की बेसिक समझ देंगी।
4. बिजनेस न्यूज और फाइनेंशियल वेबसाइट्स फॉलो करें
- स्टॉक मार्केट से जुड़ी खबरों और ट्रेंड्स को समझने के लिए आप Economic Times, Moneycontrol, और Bloomberg जैसी वेबसाइट्स फॉलो कर सकते हैं।
- रोजाना की मार्केट अपडेट्स और शेयरों की स्थिति से आपको मार्केट का सेंटिमेंट समझ में आता है।
5. डेमो ट्रेडिंग से प्रैक्टिस करें
- डेमो ट्रेडिंग एक वर्चुअल प्लेटफॉर्म होता है जहाँ आप बिना पैसे लगाए ट्रेडिंग की प्रैक्टिस कर सकते हैं। इसमें आप समझ सकते हैं कि शेयर कैसे खरीदे और बेचे जाते हैं।
- Zerodha और Upstox जैसे कुछ प्लेटफॉर्म्स में भी डेमो अकाउंट की सुविधा होती है।
6. स्मार्ट इन्वेस्टर्स से सीखें
- उन लोगों की स्टडी करें जो सफल इन्वेस्टर हैं, जैसे वॉरेन बफेट, राकेश झुनझुनवाला, और पीटर लिंच।
- इनके निवेश के तरीके, कंपनियों को चुनने का तरीका और लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट की स्ट्रेटेजी को समझें।
7. छोटी राशि से निवेश शुरू करें
- स्टॉक मार्केट का सबसे अच्छा अनुभव तभी आता है जब आप खुद इसमें पैसा लगाते हैं। एक छोटी राशि से शुरू करें, जैसे 500 या 1000 रुपये, और धीरे-धीरे सीखें।
- इस तरह आप रिस्क भी कम लेंगे और मार्केट का अनुभव भी पाएंगे।
8. लॉन्ग-टर्म पर फोकस करें
- स्टॉक मार्केट में सबसे ज्यादा फायदा उन्हीं लोगों को होता है जो लंबे समय तक निवेश करते हैं। इसलिए जल्दी पैसा कमाने की बजाय धैर्य रखें और लंबी अवधि तक निवेश करें।
- स्टॉक्स में उतार-चढ़ाव सामान्य है, परन्तु अगर आपके पास सही जानकारी है तो आप मार्केट के इन उतार-चढ़ाव से ज्यादा प्रभावित नहीं होंगे।
9. मार्केट के बारे में चर्चा करें
- आप स्टॉक मार्केट के फोरम्स या सोशल मीडिया ग्रुप्स का हिस्सा बन सकते हैं जहाँ पर लोग अपने अनुभव शेयर करते हैं और स्टॉक्स पर चर्चा करते हैं।
- Quora, Reddit और Telegram पर भी स्टॉक मार्केट से जुड़े कई ग्रुप्स मिल जाएंगे जहाँ आप सवाल पूछ सकते हैं और दूसरों से सीख सकते हैं।
10. Mistakes से सीखें
- शुरुआत में कुछ गलतियाँ होना सामान्य है। हर गलती से सीखें और समझें कि उसे कैसे सुधार सकते हैं।
- अपनी गलतियों का रेकॉर्ड रखें ताकि आप देख सकें कि किस एरिया में आपको इम्प्रूवमेंट की जरूरत है।
निष्कर्ष:
स्टॉक मार्केट में अच्छा परफॉर्म करने के लिए धैर्य और निरंतर सीखना बहुत जरूरी है। धीरे-धीरे बेसिक्स से एडवांस की ओर बढ़ें और नियमित प्रैक्टिस और जानकारी जुटाते रहें।