Hammer candlestick pattern in Hindi for beginners | Hammer ko kaise trade kare|

Hammer Candlestick basic introduction

क्या  शेयर मार्केट तुम्हारे सिर के ऊपर से गुजर रहा है? कोई चिंता की बात नहीं! आज मै  एक ऐसा पैटर्न सिखाने जा रहा हूँ  जो बिल्कुल हथौड़े जैसा है, लेकिन इससे चोट नहीं, मुनाफा होता है। जी हां, मै बात कर रहा हूँ  “हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न” की। यह पैटर्न तुम्हे दिखा देगा |  कि कब बाजार गिरकर वापस उठने वाला है, और तुम तुम्हारा ट्रेड  सही समय पर कर सकते हैं। तो चलिए, समझते हैं इस मार्केट के मजेदार हथौड़े को जिसे कहते है hammer candlestick pattern in hindi for beginners.

Hammer क्या है ?

अब यारो, सुनो… तुमने कभी वो देखा है न, जब कोई चीज़ गिरते-गिरते आखिरी वक्त पर बच जाती है? बस, समझ लो कि शेयर मार्केट में भी कुछ ऐसा ही होता है। इसे बोलते हैं “हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न”। नाम से ऐसा लगता है जैसे ये कोई हथौड़ा है, लेकिन भाई, ये वैसा हथौड़ा नहीं है जिससे हम चीज़ें तोड़ते हैं, बल्कि ये वो हथौड़ा है जो बता देता है कि मार्केट गिरने के बाद अब वापसी करने वाला है।

तो होता ये है कि दिनभर मार्केट नीचे जाता रहता है, और सबको लगता है कि अब तो सब खत्म! लेकिन फिर, जैसे ही दिन का अंत आता है, मार्केट उठता है और ऊपर जाकर बंद होता है। अब इसका चार्ट देखेगा तो तुझे लगेगा कि ये एक छोटा सा बॉडी वाला और लंबी छड़ी जैसा कैंडल बन गया, जो एकदम हथौड़े जैसा दिखता है। यही तो है हमारा हीरो – हैमर कैंडलस्टिक

और भाई, जब ये पैटर्न नीचे की ओर बनता है न, तो ये इशारा होता है कि मार्केट अब अपनी गड्ढे से बाहर निकलने वाला है, यानी ‘बुलिश’ होने वाला है। इसको देखकर समझ आता है कि अब अगर ये तुम डेली टाइम फ्रेम पर देख रहे हो तो इन्वेस्ट कर सकते हो पर उससे कम टाइम फ्रेम पर देख रहे हो तो ट्रेड कर लो। तो अगली बार जब मार्केट में ये हथौड़ा देख, तो समझ जा कि मजा आने वाला है

Hammer Candlestick pattern को कैसे पहचाने ?

अब भाई, सवाल ये है कि हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न को पहचाने कैसे? घबराने की जरूरत नहीं, मैं हूं ना! चलो, तुम्हारे लिए इसे आसान बनाता हूं।

सबसे पहले तो ये ध्यान रखो कि हैमर हमेशा नीचे की ओर, यानी जब मार्केट नीचे गिरा होता है, तभी बनता है। इसके चार्ट पर दिखने वाले कैंडल में एक लंबी सी नीचे वाली छड़ी (shadow) होती है, और उसके ऊपर छोटा सा बॉडी। इसे देखकर ऐसा लगेगा जैसे किसी ने हथौड़ा पकड़ रखा हो – लम्बी छड़ी उसका डंडा और छोटा बॉडी हथौड़े का सिर।

तो अगर तुम देखो कि कैंडल की बॉडी बहुत छोटी है, और उसकी shadow (छाया) लंबी है, जो कैंडल की बॉडी से कम से कम दो गुना बड़ी है, तो समझ जाओ कि ये हैमर है। और हां, एक और खास बात! ये shadow या डंडी  सिर्फ नीचे वाली होनी चाहिए, ऊपर वाली shadow न के बराबर होगी या बिलकुल नहीं होगी।

अब इसको एक बड़े टाइम पर समझो मतलब, मार्केट दिनभर गिरता रहा, लेकिन फिर अंत में ऊपर उठकर थोड़ा संभल गया। ये बताता है कि खरीदने वालों ने आखिरी समय में आकर मार्केट को उठाया है। ये सीन देखकर तुम्हे लगना चाहिए कि भाई, अब बाउंस-बैक होने वाला है।

तो अब जब भी चार्ट में ये छोटा बॉडी और लंबी छड़ी वाली कैंडल दिखे, समझ लेना कि ‘हथौड़ा गिरा है’, और मार्केट वापसी करने वाला है। इस मौके पर नजर रखना, क्योंकि हो सकता है, मेरे भाई तुझे कुछ अच्छा मौका दे दे

Hammer Candlestick Pattern के पीछे psychology.

अब भाई लोग, अब तो हैमर कैंडल बिल्कुल राटा दिया है, लेकिन एक बात सोचो… ये होता क्यों है? इसका मतलब क्या है? चलो, इसके पीछे की साइकोलॉजी समझते हैं, जैसे हम सब बातें करते हैं।

देखो, मार्केट का सीन कुछ ऐसा होता है कि जब दिन शुरू होता है, तो सब बेचने पर लग जाते हैं। सबको लगता है कि बस अब तो मार्केट डूबने वाला है। बेचने वाले हावी हो जाते हैं और प्राइस लगातार गिरता चला जाता है। ऐसा लगता है जैसे कोई बड़ी तबाही आने वाली हो। और हम सोचते हैं, ‘अब क्या होगा? अब तो सब खत्म!’

लेकिन फिर खेल पलटता है! जैसे दिन का अंत करीब आता है, कुछ होशियार लोग सोचते हैं, ‘अरे यार, ये तो बहुत गिर गया है, अब और कितना गिरेगा?’ और वो लोग खरीदारी करने लगते हैं। धीरे-धीरे मार्केट वापस उठने लगता है, और जो नीचे गया था, वो थोड़ा ऊपर आकर बंद होता है। ये दिखाता है कि अब बाजार संभलने लगा है। इसे देखकर अपने को  लगता है कि ‘अरे, अब तो मार्केट की सांसें लौट रही हैं।’

असल में, जो हैमर पैटर्न बनता है, वो एक तरह से मार्केट की “फाइट बैक” की निशानी है। बेचने वाले दिनभर ताकत लगाते हैं, लेकिन खरीदार आखिरी वक्त पर आकर उनकी हवा निकाल देते हैं। यानी कि पहले लगा था कि मार्केट धड़ाम से गिरेगा, लेकिन अब ये दिखाता है कि शायद गिरावट खत्म हो गई है और लोग फिर से खरीदने को तैयार हैं।

तो, जब तुम लोग  हैमर देखते हो, तो ये समझो कि मार्केट में डर कम हो रहा है और खरीदार मैदान में वापस आ रहे हैं। यही है वो साइकोलॉजी – डर का कम होना और उम्मीद की वापसी।

क्या Hammer Candlestick Pattern पर ट्रेड कर सकते है ?

अब तुम लोग कहोगे की भाई ,अब मान लिया कि हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न समझ में आ गया और ये भी पता चल गया कि मार्केट वापसी के मूड में है। लेकिन अब सवाल ये है – क्या सिर्फ हैमर पैटर्न देखकर ही ट्रेड लेना चाहिए? सीधा जवाब है – नहीं! अकेला हैमर तुम्हे अमीर नहीं बनाएगा, बॉस!

देखो, हैमर पैटर्न एक अच्छा सिग्नल तो है कि मार्केट गिरने के बाद संभलने वाला है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हर बार सही साबित होगा। कई बार मार्केट में झांसे भी होते हैं। कभी-कभी हैमर बनेगा, लेकिन मार्केट फिर भी गिरता चला जाएगा। इसे ‘फॉल्स सिग्नल’ कहते हैं, जो तुम्हे गलत दिशा में ले जा सकता है।

तो यार, सिर्फ हैमर देखकर ट्रेड लेना वैसा ही है जैसे बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चलाना – रिस्की! इसे कंफर्म करने के लिए और भी चीजें देखनी पड़ती हैं, जैसे:

– वॉल्यूम: अगर हैमर बनने पर वॉल्यूम भी ज्यादा हो, तो इसका मतलब होता है कि लोग वाकई में खरीदारी कर रहे हैं।

– सपोर्ट लेवल: क्या हैमर किसी सपोर्ट लेवल पर बना है? सपोर्ट लेवल वो जगह होती है जहां मार्केट अक्सर रुकता है और वापस ऊपर जाने की कोशिश करता है।

– अगली कैंडल: हैमर बनने के बाद, अगली कैंडल भी देखो। अगर वो हरी कैंडल होती है यानी मार्केट ऊपर जा रहा है, तो ये अच्छा सिग्नल है कि अब मार्केट सच में ऊपर जाने वाला है।

तो, मेरे दोस्त, बात ये है कि सिर्फ हैमर पर भरोसा मत करो, इसके साथ-साथ बाकी सिग्नल्स को भी देखो, तभी जाकर स्मार्ट ट्रेड बनेगा। मार्केट में सब्र रखना ही असली खेल है।

अब भाई, तुम कहोगे ये समझ लिया कि अकेले हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न देखकर ट्रेड नहीं लेना चाहिए, पर सब चीज़े सही दिशा में जा रही है और  सारे कन्फर्मेशन चेक हो रहे हो  – वॉल्यूम सही है, सपोर्ट लेवल पर बना है, और अगली कैंडल भी हरी है – अब कोई ट्रेड लेना चाहा रहा है। तो सवाल उठता है, ट्रेड कब ले? और स्टॉप लॉस और टारगेट कहां लगाना चाहिए?

चल, मैं इसे आसान करके समझाता हूं|

Trade कब लें?

जब हैमर पैटर्न बनने के बाद अगली कैंडल हरी हो और पिछले हैमर की बॉडी से ऊपर बंद हो, तो ये ट्रेड लेने का अच्छा समय होता है। यानी, जैसे ही अगली कैंडल बनकर ऊपर जाती है और हैमर के ऊपर के हिस्से (wick) से पार कर जाती है, तुम बाय कर सकते हो। ये तुम्हारा कन्फर्मेशन सिग्नल है कि मार्केट में तेजी आ रही है।

stoploss कहां लगाएं?

अब भाई, मार्केट में हमेशा रिस्क होता है, तो स्टॉप लॉस सेट करना बहुत जरूरी है। स्टॉप लॉस का मतलब होता है वो प्राइस जहां तुझे कट लेना है अगर ट्रेड उल्टा चला जाए। इस केस में, स्टॉप लॉस तुम्हे हैमर की लो (नीचे की wick) के नीचे लगाना है। मान ले अगर हैमर का निचला हिस्सा (wick) 100 रुपये पर है, तो तुम अपना स्टॉप लॉस 99 या 98 रुपये के करीब रख सकता है। इससे ज्यादा रिस्क मत लेना।

Target कहां रखें?

अब टारगेट सेट करने की बारी है। टारगेट सेट करने के लिए तुम्हे पिछले रेजिस्टेंस लेवल को देख सकते हो। रेजिस्टेंस वो पॉइंट होता है जहां मार्केट पहले रुक चुका होता है या फिर वापस नीचे आया होता है। आमतौर पर, टारगेट 1:2 का रखना सही रहता है – यानी, अगर तुमने 1 रुपये का रिस्क लिया है, तो कम से कम 2 रुपये का प्रॉफिट टारगेट होना चाहिए।

इस पैटर्न की Average Winning Ratio क्या है?

अब बात करते हैं जीत की। भाई, शेयर मार्केट में कोई चीज़ 100% गारंटीड नहीं होती। हैमर पैटर्न का औसतन विनिंग रेशियो करीब 60-65% होता है, मतलब हर 10 में से 6-7 बार ये पैटर्न सही दिशा में काम करेगा। हालांकि, ये पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि तुम कौन से मार्केट में ट्रेड कर रहे हो और तुमने बाकी कन्फर्मेशन अच्छे से देखे या नहीं। सही एंट्री और स्टॉप लॉस के साथ इस रेशियो को बेहतर किया जा सकता है।

नतीजा?

यानी, अगर सही टाइमिंग से और सही कन्फर्मेशन के साथ ट्रेड लिया जाए, तो हैमर पैटर्न तुम्हे बढ़िया मुनाफा दे सकता है। लेकिन सब्र रख कर, रिस्क मैनेज करके, और मार्केट के सिग्नल्स पर नजर रखके। वरना मार्केट भी बड़ा शातिर खिलाड़ी है|

“अब भइओ, बात सिर्फ एक हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न की नहीं है! मार्केट में हथौड़ों की पूरी फ़ौज है – हर एक थोड़ा अलग, लेकिन सबका मकसद एक ही: तुम्हे मार्केट की चाल समझाना। चलो, मैं तुम्हे हैमर के अलग-अलग वर्ज़न समझाता हूं, बिलकुल वैसे ही जैसे हमारे ग्रुप में हर दोस्त अलग होता है, लेकिन सबका दिल गोल्ड है|

 क्लासिक हैमर (Classic Hammer)

ये वही है जो हमने पहले डिस्कस किया – एक छोटा बॉडी और लंबी नीचे वाली छड़ी (wick)। ये पैटर्न नीचे की ओर मार्केट के बाद बनता है और बताता है कि मार्केट उठने वाला है। **विनिंग रेशियो** करीब 60-65% रहता है। लेकिन भाई, हमेशा कन्फर्मेशन देखना ज़रूरी है।

इनवर्टेड हैमर (Inverted Hammer)

अब ये उल्टा हथौड़ा है – जैसे किसी ने हैमर को सिर के बल खड़ा कर दिया हो। इस पैटर्न में कैंडल का बॉडी छोटा होता है, और ऊपर की तरफ लंबी छड़ी (wick) होती है, नीचे की तरफ नहीं। ये भी एक बुलिश पैटर्न है, और अक्सर तब बनता है जब मार्केट नीचे आ रहा होता है लेकिन जल्दी ही ऊपर उठने की तैयारी में होता है। इनवर्टेड हैमर देखकर समझ ले कि मार्केट में बेचने वाले थक चुके हैं और अब खरीदार खेलने आ गए हैं।

बुलिश हैमर (Bullish Hammer)

ये क्लासिक हैमर की तरह ही दिखता है, लेकिन इसमें वॉल्यूम काफी ज्यादा होता है और ये एक मजबूत सपोर्ट लेवल पर बनता है। जब मार्केट काफी गिर चुका हो और अचानक एक बड़ा हैमर बनता है, तो ये इस बात का सिग्नल है कि अब मार्केट तेज़ी से उठने वाला है। इसका विनिंग रेशियो भी थोड़ा ज्यादा, यानी 65-70% तक हो सकता है।

शूटिंग स्टार (Shooting Star)

अब ये थोड़ा ट्रिकी है, क्योंकि ये दिखने में इनवर्टेड हैमर जैसा होता है, लेकिन इसका मतलब एकदम उल्टा होता है। शूटिंग स्टार मार्केट के टॉप पर बनता है, यानी जब मार्केट काफी ऊपर जा चुका हो और अब गिरने वाला हो। इसका नाम एकदम सही है – जैसे तारा ऊपर जाता है और फिर धड़ाम से नीचे आता है, वैसे ही मार्केट भी! अगर तुम इसे देखो, तो समझ जाना कि अब बेचने का समय है।

हैंगिंग मैन (Hanging Man)

ये पैटर्न क्लासिक हैमर जैसा ही होता है, लेकिन ये बुलिश ट्रेंड के बाद बनता है, यानी मार्केट ऊपर जा रहा होता है। इसका मतलब होता है कि अब मार्केट थक चुका है और गिरने वाला है। नाम भी कितना सही दिया है – हैंगिंग मैन! जैसे किसी ने उसे लटकाकर छोड़ दिया हो। यहां ध्यान रखना जरूरी है कि ये पैटर्न भी फॉल्स सिग्नल दे सकता है, इसलिए अगली कैंडल को देखे बिना ट्रेड मत लेना।

ड्रैगनफ्लाई डोजी (Dragonfly Doji)

अब ये थोड़ा अलग हथौड़ा है। इसमें कैंडल की बॉडी लगभग गायब सी होती है और सिर्फ नीचे की तरफ लंबी छड़ी (wick) होती है। ये पैटर्न भी मार्केट में गिरावट के बाद बनता है और बताता है कि अब खरीदारी की शुरुआत हो सकती है। **डोजी पैटर्न** का खास मकसद होता है मार्केट की अनिश्चितता को दिखाना। अगर इसके बाद बुलिश कैंडल बनती है, तो तुझे समझ जाना चाहिए कि मार्केट अब ऊपर जाएगा।

तो भाई, किसे चुनना है?

देखो, मार्केट में ये अलग-अलग हथौड़े तुम्हे अलग-अलग सिग्नल देते हैं, लेकिन जरूरी ये है कि तुम हर पैटर्न के पीछे की साइकोलॉजी समझो। क्लासिक हैमर और इनवर्टेड हैमर खास तौर पर अच्छे बुलिश सिग्नल्स होते हैं, लेकिन इनके साथ बाकी पैटर्न को भी देखना ज़रूरी है ताकि कोई गलती न हो।

आखिरकार, सब हथौड़े एक जैसे नहीं होते, और मार्केट का मूड हर बार अलग हो सकता है। इसलिए, हर पैटर्न को ध्यान से देखो और सही समय पर ट्रेड लो – बस यही असली खेल है|

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